Chapter 3 कान्ह भए बसबाँसुरि के
Chapter 3 कान्ह भए
बसबाँसुरि के
कान्ह भए बस बाँसुरि के Summary in Hindi
विषय-प्रवेश :
कृष्ण के प्रति रसखान की भक्ति-भावना बहुत गहरी थी। प्रस्तुत दोनों कवित्तों में रसखान ने कृष्ण की बांसुरी को लेकर गोपियों के मन में उपजे सौतिया डाह की भावना का मार्मिक वर्णन किया है।
प्रथम कवित्त में गोपियाँ कृष्ण की बांसुरी से ईर्ष्या करती हैं और बाँसुरी द्वारा अपना स्थान ले लेने के कारण वे बज छोड़कर भाग जाना चाहती हैं।
दूसरे कवित्त में कृष्ण का स्वांग रचनेवाली गोपिया कृष्ण की बांसुरी को अपने होंठों पर रखने से इनकार कर देती हैं। (क्योंकि बांसुरी को वे अपनी सौतन मानती हैं।)
कविता का सरल अर्थ :
हमेशा कृष्ण के पास रहनेवाली गोपियाँ कृष्ण की बाँसुरी से ईर्ष्या करती हुई कहती हैं कि कान्हा को बाँसुरी ने अपने वश में कर लिया है। वे कहती हैं कि हे सखी! अब कृष्ण हमें क्यों चाहेंगे! यह बाँसुरी हमेशा उनके साथ लगी रहेगी। यह रात-दिन हमें धौंस देगी। हम यह सौतिया-डाह क्यों सहें। इस बांसुरी ने श्रीकृष्ण को मोहित कर लिया है, वह हमें सदा जलाती रहेगी। इसलिए आओ, हम सब व्रज छोड़कर भाग जाएँ। हमारा स्थान अब इस बांसुरी ने ले लिया है। अब तो व्रज में बस यही बाँसरी ही रहेगी।
श्रीकृष्ण का स्वांग रचनेवाली गोपियाँ कहती हैं कि हम अपने सिर पर मोर पंख का मुकुट पहनेंगी। अपने गले में खुपची के लाल-लाल दानों की माला पहनेंगी। अपने कंधों पर पीतांबर ओढ़ेगी और छोटी-सी लाठी लेकर ग्वालों के साथ वन में जाकर गायों को चराने का अभिनय करेंगी। श्रीकृष्ण को जो भी पसंद था, वे वह सब कुछ करेंगी। पर एक काम वे कभी नहीं करेंगी- श्रीकृष्ण ने जिस बांसुरी को अपने होंठों पर रखकर बजाया था, उस बाँसुरी को वे अपने होंठों पर कभी नहीं रखेंगी। (क्योंकि वे उसे अपनी सौतन मानती हैं।)
कान्ह भए बस बाँसुरि के शब्दार्थ :
1. कान्ह – कान्हा, श्रीकृष्ण।
2. भए – हुए।
3. चहिहैं – चाहेगा, पसंद करेगा।
4. निसि – रात।
5. द्यौस – दिन।
6. सौतिन-तापन – सौतिया-डाह।
7. सहिहै – सहेंगी।
8. जिन – जिसने।
9. मोहि – वश में (करना)।
10. लियो – लिया है।
11. दहिहै – जलाएगी।
12. मिलि – मिलकर।
13. रहिहै – रहेगी।
14. मोर-पखा – मोर के पंख।
15. राखिहाँ – रखेगी।
16. गुंज – घुघची।
17. पहिराँगी – पहनूंगी।
18. भावतो – जो पसंद हो।
19. वोहि – वही।
20. स्वांग – नाटक।
21. करौंगी – करूंगी।
22. मुरलीधर – श्रीकृष्ण।
23. अधरान – होंठों पर।
24. धरी – रखा है।
25. धरौंगी – रखंगा।
GSEB Solutions Class 12 Hindi कान्ह भए बस बाँसुरि के Important Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए:
प्रश्न 1.
गोपी स्वांग में कृष्ण की किस वस्तु का उपयोग नहीं करेंगी?
उत्तर :
गोपी स्वांग में कृष्ण की उस मुरली का उपयोग नहीं करेंगी, जिसे कृष्ण अपने होंठों पर रखकर बजाते थे।
प्रश्न 2.
अब ब्रज में कौन रहेगा?
उत्तर :
अब व्रज में बाँसुरी ही रहेगी।
Get Started Free
Volutpat diam ut venenatis tellus in metus. Gravida cum sociis natoque penatibus et magnis dis. Odio pellentesque diam volutpat commodo.
Get Started Free
Volutpat diam ut venenatis tellus in metus. Gravida cum sociis natoque penatibus et magnis dis. Odio pellentesque diam volutpat commodo.
Get Started Free
Volutpat diam ut venenatis tellus in metus. Gravida cum sociis natoque penatibus et magnis dis. Odio pellentesque diam volutpat commodo.
Fun & Easy to follow
Works on all devices
Your own Pace
Super Affordable
Popular Videos
Play Video
UX for Teams
Learn the basics and a bit beyond to improve your backend dev skills.
Chris Matthews
Designer
Play Video
SEO & Instagram
Learn the basics and a bit beyond to improve your backend dev skills.
Chris Matthews
Designer